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Thursday, 5 December 2019

TWTMP एसोसिएशन ने किया शिक्षकों के अनिवार्य सेवानिवृत्ति का विरोध

TWTMP एसोसिएशन ने किया शिक्षकों के अनिवार्य सेवानिवृत्ति का विरोध
एसोसिएशन ने कहा 20-50 का फार्मूला नवीन शिक्षक संवर्ग पर लागू नहीं होता।

20-50 के फार्मूले के अंतर्गत 16 शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने का विरोध करते हुए ट्राईबल वेलफेयर टीचर एसोसिसन TWTAMP ने सभी शिक्षक संगठनों के साथ मिलकर विरोध करने फैसला लिया। 
एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष डी के सिंगौर के मार्गदर्शन में शैलेंद्र मिश्रा शिक्षक की सेवानिवृत्ति का मामला हाईकोर्ट जबलपुर में लगाया गया। सेवानिवृत्त किए गए शिक्षक शैलेन्द्र मिश्रा के खण्डवा जिले में पदस्थ थे जहां का परीक्षाफल 58% था, जो 30% से कम की श्रेणी में नहीं आता।  स्थानांतरण के बाद इन्होंने 31 जनवरी 19 को रीवा जिले के जिस विद्यालय में ज्वाइंन किया, वहां के खराब परीक्षाफल के लिए दोषी मानते हुए शैलेन्द्र मिश्रा को परीक्षा देने के लिए बाध्य किया गया, जिसका इन्होंने विरोध किया। जबकि खण्डवा जिले के कलेक्टर द्वारा शिक्षक शैलेन्द्र मिश्रा को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया था। ऐसे में शिक्षक की पूर्व उपलब्धियों को नजरंदाज करते हुए अनेक शिक्षकों पर सेवानिवृत्ति की विसंगति पूर्ण कार्यवाही की गई है। 
TWTAMP एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष सेवानिवृत्त किए गए शिक्षक शैलेन्द्र मिश्रा के साथ जाकर मुख्यमंत्री महोदय से मिलकर उन्हें इस पूरे विसंगति पूर्ण प्रकरण से अवगत कराया। साथ ही अन्य शिक्षक संगठनों के साथ मंत्रालय में  प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शामी, संचालक लोकशिक्षण गौतम सिंह के साथ बैठक में 20-50 फार्मूले के तहत की गई कार्यवाही का पुरजोर विरोध किया। 
TWTAMP के प्रांताध्यक्ष श्री डी के सिंगौर  द्वारा रखे तर्कों एवं वास्तविक तथ्यों के आधार पर आयुक्त ने शिक्षकों का पक्ष सुने बिना अनिवार्य सेवानिवृति की कार्यवाही को अपनी चूक माना एवं प्रभावित 16 शिक्षकों से अभ्यावेदन लेकर वास्तविकता जानने एवं उस आधार पर पुनर्विचार करने के लिए आस्वस्त किया। एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष ने प्रमुख सचिव मेडम के सामने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अध्यापक से बना शिक्षक को आप उसे अनिवार्य सेवा निवृति नहीं दे सकतीं, क्योंकि पेंशन विहीन होने के कारण पेंशन नियम 1976 के तहत 20-50 का फार्मूला नवीन शिक्षक संवर्ग के ऊपर लागू नहीं होता। बिना परीक्षण किए आनन फानन में सेवानिवृति की कार्यवाही की गई है इसके लिए दोषियों को भी सजा मिलना चाहिए । 4-4 बार पुस्तक रखकर परीक्षा देने के बाद भी पास नहीं होने की बात कहकर शिक्षकों को बदनाम किया जा रहा है । जबकि वस्तुस्तिथि कुछ और है । प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग ने भरोसा दिलाया कि आरटीई  के तहत अब प्राइवेट स्कूल में एडमिशन कराने का दबाव शिक्षकों के ऊपर के खत्म होगा। साथ ही यह आश्वासन भी दिया कि सर्व शिक्षा अभियान में वर्षों से प्रतिनियुक्ति में जमे शिक्षकों को स्कूलों में वापिस बुलाया जाएगा। 
 एसोसिएशन के प्रांतीय प्रवक्ता संजीव सोनी ने विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि ट्रायबल विभाग में भी 20 शिक्षकों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति की फाइल चल रही है। जिस पर ट्रायबल विभाग के अधिकारियों ने एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष को आश्वस्त किया कि पूरी जांच पड़ताल करने के बाद ही विभाग उन शिक्षकों पर कोई कार्यवाही करेगा।  आयुक्त कोष एवं लेखा से पता चला कि आईएफएमआईएस में सातवें वेतनमान का ऑप्शन खोलने का पत्र कोष एवं लेखा पर्यावास भवन में भेजा ही नहीं गया। इसके बाद एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष ने स्वयं सतपुड़ा भवन से पत्र ले जाकर कोष एवं लेखा विभाग में दिया। जहां एक सप्ताह के अंदर सातवें वेतनमान का आप्शन खोलने का आश्वासन दिया गया। 
              प्रांताध्यक्ष  के इस अथक एवं सतत प्रयास के लिए  एसोसिएशन के समस्त शिक्षक साथियों ने हर्ष प्रकट करते हुए आभार व्यक्त किया।

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