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छात्र हित में शिक्षक होंगे बीएलओ के काम से मुक्त
मध्यान्ह भोजन व्यवस्था में सुधार पर कलेक्टर का अभिनन्दन यबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन TWTAMP के प्रांताध्यक्ष डी के सिंगौर के नेतृत्व में शिक्षकों ने मण्डला कलेक्टर श्री जगदीश चंद्र जटिया से मुलाकात की। एसोसिएशन के प्रांतीय प्रवक्ता संजीव सोनी ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर को अवगत कराया कि आदिवासी जिले में शिक्षकों की कमी के कारण शालाओं में वैसे ही पढ़ाई नहीं हो पा रही, ऐसे में जिले के अधिकांश शिक्षकों द्वारा बीएलओ का काम करने से शिक्षा व्यवस्था चरमरा रही है। अतः एसोसिएशन ने जिला कलेक्टर से मांग की कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी और छात्र हित को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों को बीएलओ के काम से मुक्त किया जाए। एसोसिएशन की बात से सहमत होते हुए कलेक्टर मण्डला ने कहा कि बीएलओ के काम में लगे शिक्षक जैसे जैसे ई व्ही पी के सत्यापन का काम पूरा करते जाएंगे, उन्हें बीएलओ के काम से मुक्त करते जाएंगे। सोसिएशन के पदाधिकारियों ने जिले में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था में सुधार कराने के लिए किए जा रहे प्रयास के लिए कलेक्टर महोदय को गुलदस्ता भेंट कर धन्यवाद और आभार ज्ञापित किया। साथ ही जिला कलेक्टर को एहसास कराया कि मध्यान्ह भोजन व्यवस्था में शिक्षकों पर कार्रवाई अनुचित है, जिसे कलेक्टर ने इसे स्वीकार किया और सहानुभूति जताते हुए कहा कि मध्यान्ह भोजन की गड़बड़ी के लिए सीधे तौर पर शिक्षकों को दोषी नहीं माना जा सकता, लेकिन गुणवत्ता के परीक्षण के लिए शिक्षकों को बच्चों के साथ बैठकर मध्याह्न भोजन करना चाहिए और मध्याह्न भोजन में लापरवाही होने पर शिक्षकों को समूह या रसोइयों द्वारा की जाने वाली लापरवाही से उच्च अधिकारियों को अवगत कराना चाहिए, ताकि बच्चों को मध्यान्ह भोजन के रूप में पौष्टिक आहार मिल सके। एसोसिएशन की जिला इकाई अध्य़क्ष रवींद्र चौरसिया ने क्रमोन्न्ति में हो रही लेटलतीफी के लिए कलेक्टर को 20 तारीख़ से हड़ताल का अल्टीमेटम दिया, जिस पर जिला कलेक्टर ने कहा आप लोगों को हड़ताल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, उसके पहले मैं क्रमोन्नति करवा दूंगा। जिला कलेक्टर से इस चर्चा के दौरान एसोसिएशन के प्रांत अध्यक्ष डी के सिंगौर, जिलाध्यक्ष रविन्द्र चौरसिया, प्रकाश सिंगौर, संजीव दुबे, नंदकिशोर कटारे, भजन गवले, मोदक मछीरके, संजू परते, जितेश्वर गौतम आदि उपस्थित रहे।
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